Thursday 23 January 2014

सम्भाला है..

बुलंदी पे रहे लेकिन वो अपनापन सम्भाला है,
नयी पुश्तो ने कुछ ऐसे घर आँगन सम्भाला है.

गहनो से जियादा महफूज रखती है खिलौनो को,
हर एक संदूक में माँ ने मेरा बचपन सम्भाला है.
नयी पुश्तो ने कुछ ऐसे घर आँगन सम्भाला है.

फिसल जाऊ जवानी में ये मुमकिन ही नहीं लगता
बचपन से ही मेलो में अपना मन संभाला है.
नयी पुश्तो ने कुछ ऐसे घर आँगन सम्भाला है.
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2 comments:

shivani said...

Very nice composition

shivani said...

Nice composition