Thursday 18 February 2016

आने नहीं देता

वो किसी हाल में दिल ओ जज़्बात तक आने नहीं देता,
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

यु तो गुफ़्तगू करता है दुनियाभर के मसलों पर,
बस मुझसे बाबस्ता खयालात तक आने नहीं देता।
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

उम्र लग जाएगी लगता है दिल तक पहुचने में,
वो हाथो को भी अभी हाथ तक आने नहीं देता।
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

मेरी सोबत में रहता है सहर से शाम होने तक,
मुलाक़ात को बस रात तक आने नहीं देता।
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

जाने नहीं देता अंजाम तक मेरी कोशिशे,
और फिर नयी शुरवात तक आने नहीं देता।
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

Sunday 14 February 2016

सूरज डूबता ह

सूरज डूबता है, शाम पिघल जाती है,
किसी की याद तरह शम्मा के जल जाती है।

जितनी शिद्दत से बांधते है इसे मुठ्ठी में,
उतनी रफ़्तार से ही रेत फिसल जाती है।
किसी की याद तरह शम्मा के जल जाती है।

जो तेरे साथ चलु वक़्त को है रंजिशे,
मै वही रहता हु तारीख बदल जाती है।
किसी की याद तरह शम्मा के जल जाती है।

कायम रखे सारे भरम, खामोश रहे,
बातो बातो दिल की बात निकल जाती है।
किसी की याद तरह शम्मा के जल जाती है।

माँ सहलाए भी जो हाथ से तस्वीर मेरी,
मिलो दूर मेरी हर बला टल जाती है।
किसी की याद तरह शम्मा के जल जाती है।

याद आये हम

बाद ए फुरक़त भी मरसीम इतना निभाये हम,
एक दुसरे को याद करे, याद आये हम।

इतनी तो कम से कम अना रिश्ते में बची हो,
कभी रूबरू हो जाए तो सर ना झुकाए हम।
एक दुसरे को याद करे, याद आये हम।

ये दुरिया इतनी सी कशमकश पे आयी है,
वो खुद ही नहीं जायेगा या फिर रुकाये हम?
एक दुसरे को याद करे, याद आये हम।

पत्थर की मुरती में रब ऐसे इजात होगा,
दिल भी शरीक़ हो जब सर को झुकाए हम।
एक दुसरे को याद करे, याद आये हम।