Friday 3 August 2018

बहोत मुश्किल है

बहोत मुश्किल है मेरी जां अब ये रिश्ता निभाना भी।
नहीं आंसा नहीं है पर तुझे यु छोड़ जाना भी।

कश्मकश है अजब सी ये न खुश ही हु न ग़म ही है,
नया हासिल हुआ है कुछ तो खोया कुछ पुराना भी।
नहीं आंसा नहीं है पर तुझे यु छोड़ जाना भी।

ज़िन्दगी ढाल पे हो तब, हुनर ये भी जरूरी है,
बहोत रफ़्तार में खुदको मुमकीन हो रुकाना भी।
नहीं आंसा नहीं है पर तुझे यु छोड़ जाना भी।

चलो छोडो की ये फुरकत तकाज़ा है की मजबूरी,
सबब जो की हकीकत है, लगता है बहाना भी।
नहीं आंसा नहीं है पर तुझे यु छोड़ जाना भी।

वक़्त ए रुखसत छुड़ाए हाथ हम ऐसे सलीखे से,
की फिर मील जाए तो आसान हो नज़रे मिलाना भी।
नहीं आंसा नहीं है पर तुझे यु छोड़ जाना भी।