Sunday 11 June 2023

बिखरना था मुझे।

यूं ही गिरना था और उभरना था मुझे।
किनारों से मिलना था बिखरना था मुझे।

मैं मुश्किलों से भागकर भी कहाँ जाता,
गुज़रा जहां जहां से, गुजरना था मुझे।
किनारों से मिलना था बिखरना था मुझे।

बेहतर कोई मुझसे तेरी जुस्तजू में था,
तेरे दिल ओ नजर से उतरना था मुझे।
किनारों से मिलना था बिखरना था मुझे।

कैसा सवाब, क्या गुनाह, कैसी नेकियां,
तू जो भी करा रहा था करना था मुझे।
किनारों से मिलना था बिखरना था मुझे।

मैं रिंद था के साकी मेरे खुदा बता,
पीना था जाम ए ज़िस्त की भरना था मुझे।
किनारों से मिलना था बिखरना था मुझे।