Tuesday 14 November 2017

हाय मर जाने के बाद।

बनके आंसू ही बहूँगा हाय मर जाने के बाद।
क्या, कहाँ, कितना रहूँगा हाय मर जाने के बाद।

जीते जी ले ले मेरा सच्चा इक़बाल ए बयां,
या ख़ुदा किससे कहूंगा हाय मर जाने के बाद।
क्या कहाँ कितना रहूँगा हाय मर जाने के बाद।

तब मुझे होने पे ग़म था, अब मुझे जाने का ग़म,
फिरसे गम ही ग़म सहूंगा हाय मर जाने के बाद।
क्या कहाँ कितना रहूँगा हाय मर जाने के बाद।

दिल में चाहे ना सही, तेरी आँखों में तो हु,
बनके आंसू तो बहूँगा, हाय मर जाने के बाद।
क्या कहाँ कितना रहूँगा हाय मर जाने के बाद।

ये भी वजह है प्यार की मुझमे मेरी औलाद में,
उसकी रगों में फिर बहूँगा हाय मर जाने के बाद।
क्या कहाँ कितना रहूँगा हाय मर जाने के बाद।।