Saturday 5 December 2015

एक ज़माना लगेगा

कह गयी उसकी चश्म-ए-तर जाते जाते।
एक ज़माना लगेगा असर जाते जाते।

तू आघोश में है, तो यु लग रहा है।
शाम से मिल गयी दोपहर जाते जाते।
एक ज़माना लगेगा असर जाते जाते।

इस साल में भी चंद साँसे बची है,
ये मर जाएगा दिसम्बर जाते जाते।
एक ज़माना लगेगा असर जाते जाते।

ए कुचो औ गलियों सब अच्छा बताना,
वो पूछेगा मेरी खबर जाते जाते।
एक ज़माना लगेगा असर जाते जाते।

ज़िन्दगी को जो महबूब कहने लगे हो
इश्क घटने लगेगा उमर जाते जाते।
एक ज़माना लगेगा असर जाते जाते।

मंजिलो की ही जिद हो क्योकर 'शफ़क़' को,
तजुर्बा तो देगा सफ़र जाते जाते।
एक ज़माना लगेगा असर जाते जाते।