Friday 24 December 2021

सवाल

मैं चालाख समझ लूंगा, तुमको, संभाल के।
इतने जवाब ना दो, मेरे एक सवाल के।

देखो ना छोटी बात, मामूली सवाल था,
मसअला बना दिया है तुमने टाल टाल के।
इतने जवाब ना दो, मेरे एक सवाल के।

ये रिश्ता दोनों की जरूरत है बराबर,
फ़क़त हम ही नही पागल तेरे विसाल के।
इतने जवाब ना दो, मेरे एक सवाल के।

ज़िन्दगी के नायाब औ अहम फैसले तमाम,
अमूमन सभी लेते है सिक्का उछाल के।
इतने जवाब ना दो, मेरे एक सवाल के।

क़त्ल ही करदे मुझे, या जीने की वजह दे,
ऐसे ना जा मुझको यू मुश्किल में डाल के।
इतने जवाब ना दो, मेरे एक सवाल के।

ना लफ्ज़, ना रदीफ़, ना बहर, ना काफ़िया,
ख़यालो कि सबब बनते है मिसरे कमाल के।
इतने जवाब ना दो, मेरे एक सवाल के।