Tuesday 10 December 2019

दलील ए सफाई नही है।

मुझमें चालाखिया है, रंजिशें है, बेवफाई नही है।
ये हक़ीकत है मेरी दलील ए सफाई नही है।

वो अमूमन रोज़ाना सताती है उठाती है मुझे,
वो एक नज़्म जो खुदको भी सुनाई नही है।
ये हक़ीकत है मेरी दलील ए सफाई नही है।

क्यों रोउ, क्यो चीखु, तेरे जाने पे भला मैं,
महज़ रुख़सत है मेरी जां, ये जुदाई नही है।
ये हक़ीकत है मेरी दलील ए सफाई नही है।

तेरा खयाल, तेरी उम्मीद, तेरी यादे, कमी तेरी,
मैं अकेला हु, पर चार सु तनहाई नही है।
ये हक़ीकत है मेरी दलील ए सफाई नही है।