Thursday 18 February 2016

आने नहीं देता

वो किसी हाल में दिल ओ जज़्बात तक आने नहीं देता,
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

यु तो गुफ़्तगू करता है दुनियाभर के मसलों पर,
बस मुझसे बाबस्ता खयालात तक आने नहीं देता।
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

उम्र लग जाएगी लगता है दिल तक पहुचने में,
वो हाथो को भी अभी हाथ तक आने नहीं देता।
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

मेरी सोबत में रहता है सहर से शाम होने तक,
मुलाक़ात को बस रात तक आने नहीं देता।
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

जाने नहीं देता अंजाम तक मेरी कोशिशे,
और फिर नयी शुरवात तक आने नहीं देता।
किसी भी बात को 'उस' बात तक आने नहीं देता।

3 comments:

shivani said...

Vishwas nahi hota ki koi itna sunder likh leta hai... kaise. Maan gaye tumko...sach mein bahut hi dil se likhi hai or dil ke kisi kone tak jaati hai....🌻

shivani said...

Vishwas nahi hota ki koi itna sunder likh leta hai... kaise. Maan gaye tumko...sach mein bahut hi dil se likhi hai or dil ke kisi kone tak jaati hai....🌻

Unknown said...

Bahot bahot shukriya... Housala aafjayi ke liye