Monday 2 November 2015

अनकही बाते

जहन में रखी है कुछ अनकही बाते,
बड़ी जरूरी है बयां होना वही बाते।

गुफ्तगू है फिर भी ये ग़लतफ़हमिया,
क्या होता जो होती ही नहीं बाते।
बड़ी जरूरी है बयां होना वही बाते।

ये लहज़ा, नज़र औ सलीके का असर है,
बुरी लगती है भला सिर्फ कही बाते?
बड़ी जरूरी है बयां होना वही बाते।

ये हूनर मुश्कील है सच्चाइ पसंद लोगो में,
सही वक़्त पे करना अक्सर सही बाते।
बड़ी जरूरी है बयां होना वही बाते।

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