Monday 19 September 2011


रंजिश-ऐ-उम्र


न उन्होंने देखा, न बात की, ना सलाम लिया.
रंजिश-ऐ-उम्र का बदला था,कल शाम लिया.


हमे तो शौक है यु ज़िन्दगी से खेलने का,
बेवजह तुमने अपने सर पे इलज़ाम लिया.
रंजिश-ऐ-उम्र का बदला कल शाम लिया.

इससे पहले की अपनी नजर से गीर जाता,
शुकर है साकी, इन पैमानों ने थाम लिया.
रंजिश-ऐ-उम्र का बदला कल शाम लिया.

ज़माने बाद उनसे रूबरू होकर यु लगा,
मुद्दतो बाद रिंद ने हाथो जाम लिया.
रंजिश-ऐ-उम्र का बदला कल शाम लिया.

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