Wednesday 9 December 2020

मुश्किल है

हूबहू सब अहसास जताना, मुश्किल है।
खुल के दिल कि बात बताना, मुश्किल है।

किस मकसद, क्यों शुरू हुआ था ये सोचो,
जब भी लगे की रिश्ता निभाना, मुश्किल है।
खुल के दिल कि बात बताना, मुश्किल है।

आसां है फिर भी, हार को हसके अपनाना,
जीत के भी, ना खुशी मनाना, मुश्किल है।
खुल के दिल कि बात बताना, मुश्किल है।

वो मेरी चुप्पी, खामोशी पढ़ लेती है,
अब भी मां से बात छुपाना, मुश्किल है।
खुल के दिल कि बात बताना, मुश्किल है।

जो खुद ही दे, आज़ादी हाथ छुड़ाने कि,
उन हाथो से हाथ छुड़ाना, मुश्किल है।
खुल के दिल कि बात बताना, मुश्किल है।

कई रातों से नींदे रूठी है हमसे,
ख्वाबों पे अब शेर सुनाना, मुश्किल है।
खुल के दिल कि बात बताना, मुश्किल है।

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