Sunday 1 August 2010

Mere Aankho Me.....

कुछ बुँदे है बारिश की, कुछ नमी है मेरी आँखों में,
कितने बरसो की बरसाते थमी है मेरी आँखों में.


हकीकतो की सख्ती से वैसे तो वाकिफ है दिल,
झूटी उम्मीदों की धुल भी जमी है मेरी आँखों में.
कितने बरसो की बरसाते थमी है मेरी आँखों में.

तजुर्बो ने छोड़ा है ऐसा असर जहन-ओ-दिल पे,
मेरे ही ख्वाबो की सूरत सहमी है मेरी आँखों में.
कितने बरसो की बरसाते थमी है मेरी आँखों में.

जानेवाला लुट गया सब इश्क 'शफक' के दामन का,
अब खुदसे ही नफ़रत औ बेरहमी है मेरी आँखों में.
कितने बरसो की बरसाते थमी है मेरी आँखों में.

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