Tuesday 22 January 2019

बंट गए है हम।

इतने लोगो में इस तरह बंट गए है हम।
अपने किरदार से पूरी तरह कट गए है हम।

कभी फैले हुए थे होंठो पे तबस्सुम की तरह,
अब कतरा ए आंसू तक सीमट गए है हम।
अपने किरदार से पूरी तरह कट गए है हम।

तुम्हारी दिलचस्पी कम होना लाजमी है बहोत,
शब ए माहताब हुआ करते थे, घट गए है हम।
अपने किरदार से पूरी तरह कट गए है हम।

मुमकीन है नज़र आने लगे सबको तुम्हारे दाग,
अब्र ए हिफाज़त थे 'शफ़क़', छट गए है हम।
अपने किरदार से पूरी तरह कट गए है हम।

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