Monday 29 November 2010

मेरा इश्क

हर बात आजमाई गयी है बड़ी गौर से,
मेरा इश्क गुजरा है कुछ ऐसे भी दौर से.

बड़ी खोकली है बुनियाद -ए- ऐतबार क्या करे,
मेरे लफ्ज तक जांचे गए है किसी और से.
मेरा इश्क गुजरा है कुछ ऐसे भी दौर से.

इश्क की बात है, नाजुक है, नजाकत जरुरी है,
ये मसले भी कभी हल हुए है बहस औ शोर से.
मेरा इश्क गुजरा है कुछ ऐसे भी दौर से.

Continue....

1 comment:

Anonymous said...

Nice Gazal!!!

Kamalka DARD bhara hua hai Ishqme...