Monday, 14 January 2019

जाने दो।

वो एक बहाना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

रिश्ता टूटा तो ये कहा उसने,
वो पुराना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

जला, खाक हो गया दिल मेरा,
वैसे वीराना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

दौर ए इश्क़ क्या था, क्या बताऊँ,
रोना रुलाना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

उससे उम्मीद ए वफ़ा न थी मुझे,
बस आज़माना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

सांसे तो नही लूटी है तुफानो ने,
आब ओ दाना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

मैं सबकी जरूरतों में काम आया,
आखिर खज़ाना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

हवा के मुख़ालिफ़ खड़ा था चराग,
उसने तो बुझाना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

हो सकता है चुभे हो अशआर उसे,
पर मुझे भी सुनाना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

वो जो याद ना आया तो लगा,
क्या सच मे भुलाना ही था? जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

उसकी गरदन लगी थी दांव पर,
उसे सर झुकाना ही था, जाने दो।
उसे जाना ही था, जाने दो।

Friday, 28 December 2018

कुछ कर जाए।

इससे पहले की मर जाए।
एक काम करे, कुछ कर जाए।

इतनी आदत है अंधेरो की,
रोशनी से ही डर जाए।
एक काम करे, कुछ कर जाए।

ये हो सकता है रोने से,
ख्वाब फिसल के गीर जाए।
एक काम करे, कुछ कर जाए।

दिल का बंद जो टूटा तो,
आंखों की झील न भर जाए।
एक काम करे, कुछ कर जाए।

छोड़के शहरी मकानों को,
चल लौटे गांव के घर जाए।
एक काम करे, कुछ कर जाए।

हर राह तुझी को जाती है
अब तू ही बता किधर जाए।
एक काम करे, कुछ कर जाए।

जिसको जाना था चले गए,
जाने कब उनकी फिकर जाए।
एक काम करे, कुछ कर जाए।

साहिल ने कुछ तो कहा होगा,
क्यो लौटके हर एक लहर जाए।
एक काम करे, कुछ कर जाए।

मुझे डर है ये दौर ए उल्फत,
तेरे आने तक ना गुज़र जाए।
एक काम करे, कुछ कर जाए।



Sunday, 2 December 2018

सोचा बहोत

सोचा बहोत, किया कुछ भी नही।
अलावा ख्वाब के मियां कुछ भी नही।

मौत ने ज़िन्दगी छीन ली आखिर,
और बदले में दिया कुछ भी नही।
अलावा ख्वाब के मियां कुछ भी नही।

मैं कुछ भी नही हु दुनिया के लिए,
मेरी नज़र में दुनिया कुछ भी नही।
अलावा ख्वाब के मियां कुछ भी नही।

मैं उसके रूबरू जाता ही नही,
सामने सूरज के दीया कुछ भी नही?
अलावा ख्वाब के मियां कुछ भी नही।

उसने कुछ ऐसे ज़िन्दगी बीता दी,
मयखाने आकर पीया कुछ भी नही।
अलावा ख्वाब के मियां कुछ भी नही।

Wednesday, 17 October 2018

कहने नही देती।

बहोत कहना है, मजबूरिया कहने नही देती।
नदी खुदको यू समंदर तक बहने नही देती।

ज़िन्दगी शैतान बहोत है मेरे बेटी की तरह ही,
वो कोई चीज़ अपनी जगह रहने नही देती।
नदी खुदको यूं समंदर तक बहने नही देती।

उसके अपने ही कई ग़म है लेकिन हा मेरी माँ,
मुझे अब तक मेरे भी दर्द कुछ सहने नही देती।
नदी खुदको यूं समंदर तक बहने नही देती।

ऊंचा हुआ हूं बैठके वालिद के कांधो पे,
मेरी बुनियाद इमारत मेरी ढहने नही देती।
नदी खुदको यूं समंदर तक बहने नही देती।

तजुर्बा ए ज़िन्दगी है, ये सोने की चूड़ियां,
माँ बेटी को बस श्रृंगार के गहने नही देती।
नदी खुदको यूं समंदर तक बहने नही देती।

Tuesday, 16 October 2018

बेवजह

गुनाहों की जैसे सज़ा जी रहे है।
क्यों खामखा बेवजह जी रहे है।

हम ज़िंदा है, इतना ही काफ़ी है जाना,
ये ना पूछो की कैसे, कहां जी रहे है।
क्यों खामखा बेवजह जी रहे है।

कई रोज़ से रूह बीमार है और,
जिस्मानी, बरा ए दवा जी रहे है।
क्यों खामखा बेवजह जी रहे है।

उम्र वैसे तो कबकी खतम हो गयी थी,
इन दिनों तो तुम्हारी दुआ जी रहे है।
क्यों खामखा बेवजह जी रहे है।

ज़िन्दगी जैसे माशूक़ हो बेवफा सी,
शफ़क इन दिनों जीस तरह जी रहे है।
क्यों खामखा बेवजह जी रहे है।

ज़िन्दगी से बड़ा इश्क़ कोई नही है,
तुम ज़िंदा वहां, हम यहां जी रहे है।
क्यों खामखा बेवजह जी रहे है।

वो लम्हे, वो रिश्ते फ़ना हो चुके है,
क्यो उन्हींको भला बारहा जी रहे है।
क्यों खामखा बेवजह जी रहे है।

Sunday, 14 October 2018

प्रशंसा मिलती है।

बचपन औ जवानी क्षण क्षण जब कर्तव्य आग में जलती है।
तब कही वृद्धावस्था को दुनिया में प्रशंसा मिलती है।


पथ्थर पथ्थर बट जाते है,
पर्वत सारे कट जाते है,
जब शांत सरल अल्हड नादिया 
अपनी रफ़्तार से चलती है।
तब कही वृद्धावस्था को दुनिया में प्रशंसा मिलती है।

एक पीढ़ी की निवृत्ती पर,
दूजी को मिलता है अवसर,
जब नवल अरुणोदय के लिए,
एक शाम पुरानी ढलती है।
तब कही वृद्धावस्था को दुनिया में प्रशंसा मिलती है।

प्रकृति सी प्रकृति हो,
परिवर्तन को स्वीकृति हो,
जो धूप सुखाये नदियो को,
उसी धूप में हीम पिघलती है।
तब कही वृद्धावस्था को दुनिया में प्रशंसा मिलती है।

कई मौसम पीछे जाते है,
हम अविरत सींचे जाते है,
कर्म के पौधों की कलियां,
खिलते खिलते तब खिलती है।
तब कही वृद्धावस्था को दुनिया में प्रशंसा मिलती है।

Friday, 12 October 2018