Friday, 13 June 2025

मुश्किल है निभाना मुझसे।

बहोत सोचकर राब्ता बनाना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।

बहोत आसान हु मैं, इसलिए शायद,
बहोत मुश्किल है निभाना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।

मेरी सोहबत शराब की लत है,
खुदको जितना हो बचाना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।

मैं तेरे पास बैठ, देखता हु चांद कभी,
इसका रिश्ता है ज़रा और पुराना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।

मेरी तारीफ नहीं मुमकिन मगर जानां,
मेरे ऐब, हो मुमकिन तो छुपाना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।

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