बहोत सोचकर राब्ता बनाना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।
बहोत आसान हु मैं, इसलिए शायद,
बहोत मुश्किल है निभाना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।
मेरी सोहबत शराब की लत है,
खुदको जितना हो बचाना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।
मैं तेरे पास बैठ, देखता हु चांद कभी,
इसका रिश्ता है ज़रा और पुराना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।
मेरी तारीफ नहीं मुमकिन मगर जानां,
मेरे ऐब, हो मुमकिन तो छुपाना मुझसे।
तंग आ चुका है ये ज़माना मुझसे।
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