कुछ अधूरी गज़ले...
मेरे आनेसे शकल उनकी, यु सवर आई है,
जैसे एक नज़्म जहन से रुख पे उतर आई है.
तेरे चेहरे को फकत हाथोसे छुआ था मैंने,
उम्र की धुंदली लकीर, फिरसे उभर आई है.
जैसे एक नज़्म जहन से रुख पे उतर आई है.
तेरी सोबत है, तो आबाद है गुलशन सारे,
या मेरी बेजान सी आँखों को नज़र आई है.
जैसे एक नज़्म जहन से रुख पे उतर आई है.
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लफ्जो में कड़वाहट भी, रंग अहसासों के फीके है,
मेरी गज़ले न लबो पे लो, सारे मिसरे अब तीखे है.
खामोश है सारे लफ्ज मगर, कागज़ में आवाज़ भी है,
पुरजो में फितरत है मेरी, लफ्जो में तेरे सालीखे है.
मेरी गज़ले न लबो पे लो, सारे मिसरे अब तीखे है.
9 comments:
तेरी सोबत है, तो आबाद है गुलशन सारे,
या मेरी बेजान सी आँखों को नज़र आई है.
जैसे एक नज़्म जहन से रुख पे उतर आई है.
These are really nice lines. Its really nice thought of thinking that someone is always close to the one and coz of that one Feel to b in the HEAVEN..
REALLY NICE.
लफ्जो में कड़वाहट भी, रंग अहसासों के फीके है,
मेरी गज़ले न लबो पे लो, सारे मिसरे अब तीखे है.
this is very different. Not much understandable.
Misre : Sher
Now my gazals do not contain, love, affection and all those soft and sweet feelings, so plz dont read or sing my gazals u wont like them, they taste bitter to you..
This is what i meant..
ok. Now the meaning is completely clear.
Gazal khas kar real hal batati hai, jaruri nahi vo sirf achhe shabdkohi samale.
Inshallah, khuda aapke pas shabdoka khajana barkrar rehne de
Thanks for regular visit and comments..
You are always welcome.
Keep creating the GAZALs.
I can see you create really nice themes.
Try for publshing a book of all these collection.
No yaar book and all that i dnt thnk will possible.
मेरे आनेसे शकल उनकी, यु सवर आई है,
जैसे एक नज़्म जहन से रुख पे उतर आई है.
bahut sundar khayaal hai aapka...in do lines ne bahut kuch kah diya hai....kaise kaise or kaise likh saktey ho tum aisa...u r great ajju....
Hey Bahot sara thank yu shinu.
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