जरुरी तो नहीं
मंजर जो कल था वो अब हो, जरुरी तो नहीं,
मेरे लहजे में वो अदब हो, जरुरी तो नहीं.
तुझमे सलीका है, नजाकत है, वफादारी है,
पर तुम्हारे जैसे ही सब हो, जरुरी तो नहीं.
मेरे लहजे में वो अदब हो, जरुरी तो नहीं.
इसी पत्थर का निशाँ है मेरे पेशानी पे,
हर एक संग में रब हो, जरुरी तो नहीं.
मेरे लहजे में वो अदब हो, जरुरी तो नहीं.
वो पूछते है क्यों देखते हो, मुस्कुराते हो,
हर एक बात का मतलब हो, जरुरी तो नहीं.
मेरे लहजे में वो अदब हो, जरुरी तो नहीं.
लोग कहते है 'शफक' इश्क ने ये हाल किया,
वो एक ही सबब हो, जरुरी तो नहीं.
मेरे लहजे में वो अदब हो, जरुरी तो नहीं.
ख़ामोशी ने भी बढ़ायी है दुरिया यु तो
गुनाहगार बस लब हो, जरुरी तो नहीं.
मेरे लहजे में वो अदब हो, जरुरी तो नहीं.
10 comments:
ख़ामोशी ने भी बढ़ायी है दुरिया यु तो
गुनाहगार बस लब हो, जरुरी तो नहीं.
मेरे लहजे में वो अदब हो, जरुरी तो नहीं.
How many and many more things are there which are actually not necessary.
Not getting, what u u trying to say... can u elaborate?
as u listed out many things which are not necessary. But person to person those are varying. So said many more things are also there which are not necessary.
Hmm, even i wanted to extend, but could not...
these many are enough. otherwise it would b considered as gazal. bas ek shabdoka bhandar ho jata.
these many are enough. otherwise it would not b considered as gazal. bas ek shabdoka bhandar ho jata.
:) , thts true..
Splendid, profound and Surprisingly great.
तुझमे सलीका है, नजाकत है, वफादारी है,
पर तुम्हारे जैसे ही सब हो, जरुरी तो नहीं.
मेरे लहजे में वो अदब हो, जरुरी तो नहीं
you are really great ajit....apna dil nikaal kar rakh diya hai tumne...i love it...keep writing...
:) Thanks for ur kind words!!!
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