अभी तो ये मौजूदा पल देखते है।
जो कल होनेवाला है, कल देखते है।
कई मसले है जो ना सुलझेंगे, छोड़ो,
हर समस्या का थोड़ी ही हल देखते है।
जो कल होनेवाला है, कल देखते है।
मुझमे, मेरे से भी बेहतर है कोई,
अपने आपे से बाहर निकल देखते है।
जो कल होनेवाला है, कल देखते है।
जरूरी है कब औ कहाँ, कैसे बोलें,
नीयत नही सब अक़ल देखते है।
जो कल होनेवाला है, कल देखते है।
हटा दो ना काई ये रंज ओ अलम की
हम आंखों में तेरी कवंल देखते है।
जो कल होनेवाला है, कल देखते है।
वो आंखे, वो लब, वो अदा, और लहज़ा,
ऐसे लगता है ज़िंदा ग़ज़ल देखते है।
जो कल होनेवाला है, कल देखते है।
शिकार-ए-फरीब-ए-नज़र है ये दुनिया,
बहोत कम है जो दर-असल देखते है।
जो कल होनेवाला है, कल देखते है।
हम आशिक़ नही जो भुलावे में आयें,
हम वादा परस्ती, अमल देखते है।
जो कल होनेवाला है, कल देखते है।
सहर आईने में, इन आँखों मे अपनी,
नींद में जो थे आये ख़लल देखते है।
जो कल होनेवाला है, कल देखते है।
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