ना मना सका, ना रूठ सका,
ना हासिल है, ना छूट सका.
क्या रिश्ता है उलझा उलझा,
ना जुड़ा रहा, न टूट सका.
-------------------------
रूठे भी, चिल्लाये भी,
शिकवे गीले सुनाये भी,
इतना इश्क तो बाकी था,
की लढने पे पछताये भी.
-------------------------
कौन गलत और कौन सही,
सबब नया पर बहस वही,
अब कौन झुकाये सर अपना,
रिश्ता टूटे पर अहम् नहीं।
ना हासिल है, ना छूट सका.
क्या रिश्ता है उलझा उलझा,
ना जुड़ा रहा, न टूट सका.
-------------------------
रूठे भी, चिल्लाये भी,
शिकवे गीले सुनाये भी,
इतना इश्क तो बाकी था,
की लढने पे पछताये भी.
-------------------------
कौन गलत और कौन सही,
सबब नया पर बहस वही,
अब कौन झुकाये सर अपना,
रिश्ता टूटे पर अहम् नहीं।
4 comments:
wahh :)
Awesome ajit. I love this post.
Awesome ajit. I love this post.
Thanks Kapil and Shivani!!
Post a Comment