बड़े खामोश रहते है, सभी रूठे हुए रिश्ते,
मुझमे अब भी मुकम्मल है, मुझसे टूटे हुए रिश्ते.
ग़ज़ल के शेर में. तौफे में , पुरानी किताबो में,
ऐसे भी मिलते है , कभी छूटे हुए रिश्ते
मुझमे अब भी मुकम्मल है, मुझसे टूटे हुए रिश्ते.
हजारो शक, दलीले, सख्त तर्कों की बहसबाजी
युही अपनी वकालत में अक्सर झूटे हुए रिश्ते.
मुझमे अब भी मुकम्मल है, मुझसे टूटे हुए रिश्ते.
मुझमे अब भी मुकम्मल है, मुझसे टूटे हुए रिश्ते.
ग़ज़ल के शेर में. तौफे में , पुरानी किताबो में,
ऐसे भी मिलते है , कभी छूटे हुए रिश्ते
मुझमे अब भी मुकम्मल है, मुझसे टूटे हुए रिश्ते.
हजारो शक, दलीले, सख्त तर्कों की बहसबाजी
युही अपनी वकालत में अक्सर झूटे हुए रिश्ते.
मुझमे अब भी मुकम्मल है, मुझसे टूटे हुए रिश्ते.
1 comment:
Main aaj tak talash raha hun apne rishte ka ek naam...
Aaj Tere jane ke baad v soch raha hun apne rishte ka ek naam...
Par ye soch kar ruk gya.. Kuch benam rishte naami rishto se badkar hote hai....
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