बगैर मेरे......
बगैर मेरे कैसे शाम उसकी गुजराती होगी,
हर एक चीज पे नज़र कुछ देर ठहरती होगी.
आईने पूछते होंगे सबब उदासी का,
वो आज कल यक़ीनन कम ही सवंरती होगी.
हर एक चीज पे नज़र कुछ देर ठहरती होगी.
सुने कमरे में अँधेरे से लिपटकर अक्सर,
आंसुओ के साथ सिसकिया बिखरती होगी.
हर एक चीज पे नज़र कुछ देर ठहरती होगी.
मेरी बातो के सिलसिले जो याद आते होंगे,
उदास शक्ल कुछ देर को तो निखरती होगी.
हर एक चीज पे नज़र कुछ देर ठहरती होगी.
2 comments:
Jab koi kisiki duniya ban jata hoga aur vahi duniya agar uske pas nahi hogi us waqt yahi hal hota hoga!
Gr8 Imagination :)
Keep it up!
Thank You!!! May I know ur name...
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