हर तरफ.....
हर तरफ दुनियादारी निभाई जा रही है,
बस एक मोहब्बत है जो सताई जा रही है.
कितने बरसो से है दील में उनके इश्क मेरा,
हमारी चीज़ ही हमसे छुपाई जा रही है.
बस एक मोहब्बत है जो सताई जा रही है.
तड़प उनको भी है मुझसे करीब आनेकी,
खामखा क्यों ये बेरुखी जताई जा रही है.
बस एक मोहब्बत है जो सताई जा रही है.
जहन के वईजी से और जुबां के डर से,
दिल के साथ आँखे रुलाई जा रही है.
बस एक मोहब्बत है जो सताई जा रही है.
जो हकीकत है उसको छुपाके सीने में,
जो नहीं है, वो बाते बताई जा रही है.
बस एक मोहब्बत है जो सताई जा रही है.
पहले छुपा लेते थे इश्क के तासुर 'शफक'
आज चेहरे से मोहब्बत लुटाई जा रही है.
बस एक मोहब्बत है जो सताई जा रही है.
No comments:
Post a Comment