एक तो हर किसीसे अपनी तबियत नहीं मिलती,
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
हज़ारो लोग मिलते है वैसे मिलने को रोजाना,
कभी किस्मत नहीं मिलती, कही नियत नहीं मिलती।
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
इश्क़ काफी नहीं, तकाजे और भी होते है रिश्ते के,
जहा दिल मिल भी जाते है, वह सेहत नहीं मिलती।
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
मै अब भी ढूँढता हु तू किसीमे फिरसे मिल जाये,
वो राहत, वो सुकूं वो दरमियाँ कुर्बत नहीं मिलती।
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
'शफक' किस दौर में, किस दौर कि उम्मीद करते हो.
इश्क का लुत्फ़ मिलता है यहाँ शिद्दत नहीं मिलती।
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
हज़ारो लोग मिलते है वैसे मिलने को रोजाना,
कभी किस्मत नहीं मिलती, कही नियत नहीं मिलती।
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
इश्क़ काफी नहीं, तकाजे और भी होते है रिश्ते के,
जहा दिल मिल भी जाते है, वह सेहत नहीं मिलती।
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
मै अब भी ढूँढता हु तू किसीमे फिरसे मिल जाये,
वो राहत, वो सुकूं वो दरमियाँ कुर्बत नहीं मिलती।
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
'शफक' किस दौर में, किस दौर कि उम्मीद करते हो.
इश्क का लुत्फ़ मिलता है यहाँ शिद्दत नहीं मिलती।
जिससे मिलती है, उसे मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती।
No comments:
Post a Comment