त्रिवेणी
कुछ तस्वीरे निकाल ली थी उसने एल्बम से,
बहोत प्यार से खिचवाई थी कभी हमने,
काश कुछ पन्ने ज़िन्दगी के भी निकाल पाते हमेशा के लिए.
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तुमने जाते हुए मुस्कुराकर देखा था मेरी ओर,
लगा था तुम जरुर लौटकर आओगी.
यकीन नहीं होता एक मजाक क्या क्या कर सकता है.
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पहले इन्ही बातो में दिन गुजारा करते थे हम दोनों,
अब वो सारी बेमतलब की बाते फिजूल लगती है.
कुछ मेरी नजर बदलती गयी कुछ तुम चेहरे बदलते गए.
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