किरदार निभाऊ
हर रिश्ते की बारीकी हर बार निभाऊ,
मै शख्स एक हु, कैसे इतने किरदार निभाऊ.
वो मुलाकात भर रहते बस खफा खफा,
उम्मीद की मै हसते हसते उनका इंतज़ार निभाऊ
मै शख्स एक हु, कैसे इतने किरदार निभाऊ.
जो बाते वो न सुन पाती, गजलो में लिखी,
अब वो कहती है मै अपने अशआर निभाऊ.
मै शख्स एक हु, कैसे इतने किरदार निभाऊ.
'शफक' जरुरी है कोई एक बात करे,
रिश्ते की तहजीब रखु या प्यार निभाऊ.
मै शख्स एक हु, कैसे इतने किरदार निभाऊ.
3 comments:
'शफक' जरुरी है कोई एक बात करे,
रिश्ते की तहजीब रखु या प्यार निभाऊ.
मै शख्स एक हु, कैसे इतने किरदार निभाऊ.
nice lines!!!
Thank You... Ur name?
namme kya rakha hai?
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Gazalki tarif ho shayarko yahi kahi nahi hai?
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