कितना कुछ कहना है मुझको।
लेकिन चुप रहना है मुझको।
मेरे हिस्से जो दर्द लिखा है,
उतना तो सहना है मुझको।
लेकिन चुप रहना है मुझको।
मैं मुझसे ही ढका हुआ हूं,
मैंने खुद पहना है खुदको।
लेकिन चुप रहना है मुझको।
आज इमारत बुलंद हु पर,
एक दिन तो ढहना है मुझको।
लेकिन चुप रहना है मुझको।
कोई समंदर तो थाम लेगा,
नदी हु फिर बहना है मुझको।
लेकिन चुप रहना है मुझको।