तुझसे बाबस्ता कुछ अनकही बाते,
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
हम कस्मे, वादे, उसूलो का नाम देते थे,
महज बाते ही थी और रही बाते।
महज बाते ही थी और रही बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
मै अक्सर रो देता हु हसते हसते,
मैंने चाहा मगर, कुछ भूली नहीं बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
मैंने चाहा मगर, कुछ भूली नहीं बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
नज़रिया, हालात औ वक़्त के तकाज़े पे,
अक्सर गलत हो जाती है कुछ सही बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
अक्सर गलत हो जाती है कुछ सही बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
बस दो लफ्जो का सवाल था उसका,
जवाब में रातभर फिर बही बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
जवाब में रातभर फिर बही बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
अब हम वायीजी से टाल जाते है।
कभी कितना सुकूं देती थी यही बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।
कभी कितना सुकूं देती थी यही बाते।
जहन में ताज़ा हुयी कल वही बाते।