यक़ीनन दिल में दोनोके बहोत सा प्यार रहता है,
मगर रिश्ता दरमियां का रोज़ बीमार रहता है.
बड़ी जद-ओ-जहद से हासिल छे दिन की कमाई का,
लुत्फ़ लेकिन उठाने को बस एक इतवार रहता है.
मगर रिश्ता दरमियां का रोज़ बीमार रहता है.
ज़हन उलझा हुआ दिन रात नफ़ा नुक्सा कि बातो में,
और कमरे की दीवारो पे गीता सार रहता है.
मगर रिश्ता दरमियां का रोज़ बीमार रहता है.