बारिश में रातभर भीगता रहा पीला चाँद,
रातभर रोशनी का रंग छुटता रहा.
सहर से उसके चेहरे का रंग उड़ा उड़ा सा है.
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रोजाना लडाई होती है उससे,
रोज एक दुसरे को छोड़ देते है हम.
आज सुबह फिर उससे मोहब्बत हुई.
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रातभर रोशनी का रंग छुटता रहा.
सहर से उसके चेहरे का रंग उड़ा उड़ा सा है.
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रोजाना लडाई होती है उससे,
रोज एक दुसरे को छोड़ देते है हम.
आज सुबह फिर उससे मोहब्बत हुई.
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